मंगलवार, 24 जुलाई 2012

जन्नत में सब से प्रथम प्रवेश होने वाले व्यक्ति

अल्लाह ताआला ने स्वर्ग की सुन्दरता , उस में पाई जाने वेली सुख-शान्ति और उस में पाई जाने वाली अति स्वदिस्ट वस्तुओं के कारण उसे बहुत से नामों से याद किया है। जैसे , सलामती का घर, हमैशा रहने वाला ठेकाना, नेमतों से पुर्ण जन्नत, अमनो सुकून का स्थान, सच्चा बैठक, न खत्म होने वाला घर आदि
जन्नत के आठ द्वार होंगे, प्रत्येक द्वार की चौराई चालिस वर्ष की मसाफत के बराबर होगी। जो व्यक्ति जीवन में जिस नेक कर्म पर ज़्यादा अमल करता था वह उस द्वार से प्रवेश करेगा जैसा कि  सही बुखरी में अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) से वर्णन है।
أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال : من أنفق زوجين في سبيل الله ، نودي من أبواب الجنة : يا عبد الله هذا خير ، فمن كان من أهل الصلاة دعي من باب الصلاة ، ومن كان من أهل الجهاد دعي من باب الجهاد ، ومن كان من أهل الصيام دعي من باب الريان ، ومن كان من أهل الصدقة دعي من باب الصدقة . فقال أبو بكر رضي الله عنه : بأبي وأمي يا رسول الله ، ما على من دعي من تلك الأبواب من ضرورة ، فهل يدعى أحد من تلك الأبواب كلها ؟ . قال : نعم ، وأرجو أن تكون منهم . (صحيح البخاري- رقم الحديث :1897)
रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म) ने फरमायाः " जिस ने अल्लाह के रास्ते में जोड़े जोड़े खर्च किया तो उसे जन्नत के द्वारों से पुकारा जाऐगा, ऐ अल्लाह के बन्दों, यह तुम्हारे लिए बहुत ही उत्तम है। तो जो नमाज़ पर पाबन्दी करता था, उसे नमाज़ के द्वार से पुकारा जाएगा और मुजाहिदीन को जिहाद के द्वार से पुकारा जाऐगा, रोज़ेदार को रोज़े के द्वार से पुकारा जाऐगा, दानशील लोगों को दान के द्वार से पुकारा जाऐगा, तो अबू बकर (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने कहा, ऐ अल्लाह के रसूल ! मेरे माता पिता आप पर बलिदान हो, इन सर्व द्वारों से पुकारा जाना सरल तो नहीं है परन्तु क्या किसी को इन सर्व द्वारों से भी पुकारा जा सकता है ? तो आप ने उत्तर दियाः हाँ, और मैं आशा करता हूँ कि उन में से तुम भी होगे।"  ( सही बुखारीः हदीस क्रमांकः 1897)

जब क़ियामत के दिन अल्लाह तआला लोगों के कर्मों का निर्णय करेगा और जन्नी और जहन्नमी का फैसला सुना देगा, तो जन्नत की खुश खबरी पाने वाले व्यक्ति जन्नत की ओर टोली के रूप में आऐंगे। उनके मुख अत्यन्त प्रसन्नता के कारण इस प्रकार चमक रहे होंगे जैसे कि पूर्निमा का चाँद चमकता है। रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म) सब से पहले जन्नत की ओर तश्रीफ लाऐंगे। और जन्नत के द्वार को खटखटाऐंगे जैसा कि सही मुस्लिम में अनस बिन मालिक (रज़ियल्लाहु अन्हु) रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म) ने फरमायाः
" آتي باب الجنة يوم القيامة . فأستفتح . فيقول الخازن : من أنت ؟ فأقول : محمد . فيقول : بك أمرت لا أفتح لأحد قبلك " (صحيح مسلم- رقم الحديث :197 )
मैं क़ियामत के दिन जन्नत के द्वार पर आउंगा, तो द्वार को खटखटाऊंगा, तो जन्नत का दारोगा (फरिश्ता) कहेगा, तुम कौन हो ? मैं उत्तर दुंगा, मैं मुहम्मद हूँ, तो दारोगा (फरिश्ता) कहेगा, मुझे आदेश दिया गया है कि सर्वप्रथम आप के लिए जन्नत का द्वार खोलूँ।
जब नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म) के माध्यम से जन्नत में प्रवेश होना आरंभ हो जाएगा, तो सब से पहला दल जो जन्नत में दाखिल होगा तो वह दल अतिसुन्दर और उन के चेहरे चमक रहे होंगे, जैसा कि सही बुखारी और सही मुस्लिम में अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) से वर्णित है कि रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म) ने फरमायाः सर्वप्रथम दल जो जन्नत में प्रवेश करेगा, वह लोग पुर्निमा की रात के चाँद की तरह प्रकाशित होंगे फिर उनके बाद जो टोली दाखिल होगी वह आकाश में सब से ज़्यादा प्रकाशित सितारे की तरह होंगे, न उन्हें पैशाब और पाऐखाने की आवश्यक्ता होगी और न ही उनके मुंह से थूक निकलेंगे और न ही उनके नाक से पानी निकलेगा। उन्की कंघी सोने की होगी और उनका पसीना कस्तूरी का होगा, उन्हें उत्तम प्रकार के संदल की सुगंध सूंघाया जाऐगा और उनकी पत्नियाँ हूर ईन ( बड़ी बड़ी आँखें वाली अति रूपवान और उज्जल) होंगी। सब लोग अपने पिता आदम (अलैहिस्सलाम) के आकार साठ हाथ लंबे होंगे। ( सही बुखारी तथा सही मुस्लिम)

सब धर्म वालों में सर्व प्रधम मुहम्मद के अनुयायी जन्नत में दाखिल होंगे, वह जुमा का दिन होगा, मुसलमानो के पश्चात यहूदी सनिवार को जन्नत में प्रवेश करेंगे और उनके बाद रविवार को नस्रीनी प्रवेश होंगे और इनके पश्चात अन्य धर्म के मान ने वाले जन्नत में प्रवेश होंगे। जिन लोगों ने अपने समय और इलाके के नबियों और सन्देष्ठाओं के आज्ञा के अनुसार जीवन बिताया होगा और अल्लाह के साथ तनिक भी शिर्क जैसा पाप और गुनाह न किया होगा। सही बुखारी में अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) से वर्णित है कि रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म) ने फरमायाः हम सब से अन्तिम समुदाय क़ियामत के दिम सर्वप्रथम होंगे और जन्नत में सब से पहले दाखिल होंगे, जब्कि यहूद तथा नसारा को हम से पहले और हमें उनके बाद किताब दी गई।
फिर मुसलमानों में सब से पहले गरीब और मिस्कीन लोग जन्नत में दाखिल होंगे। जैसा कि रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म) ने फरमायाः
" يدخل فقراء المسلمين الجنة قبل الأغنياء بنصف يوم وهو خمس مائة عام" (سنن الترمذي)
मुसलमानों के फकीर और ग़रीब लोग धन-दौलत वालों से आधा दिन पहले जन्नत में प्रवेश करेंगे और वह आधा दिन पाँच सौ वर्ष के बराबर होगा।" (सुनन तिर्मिज़ी)
इसी तरह सर्व धर्म मानने वालों में जन्नत में मुसलमानों की संख्याँ सब से अधिक होगी, और मुसलमानों में सब से अधिक संख्याँ गरीब मुसलमानों की होगी। जैसा कि सही बुखारी में इमरान बिन हुसैन (रज़ियल्लाहु अन्हु) से वर्णित है कि रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म) ने फरमायाः
اطلعت في الجنة فرايت أكثر أهلها الفقراء واطلعت في النار فرأيت أكثر أهلها النساء.
" मैं ने जन्नत में देखा तो पाया कि उस में ज़्यादातर गरीब लोग हैं और मैं ने जहन्नम में देखा तो पाया कि उस में ज़्यादातर महिलाऐं हैं।"
परन्तु संसारिक महिलाए और जन्नती महिलाए ( हूर) मिला कर जन्नत में सब से अधिक संख्याँ महिलाओं की होगी। क्यों कि अल्लाह तआला जन्नती लोगों (स्वर्गवासी पुरूषों) को  100 हूर से अधिक से विवाह करा देगा।

रविवार, 8 जुलाई 2012

जन्नत (स्वर्ग) क्या है ?

जन्नत (स्वर्ग) उस हसीन और अति सुन्दर, मनोरम, हृदय ग्राही, ऐश- इशरत से भरी हुई, सुख-चैन, राहत और सुकून और अम्नो शान्ति का स्थान है, जिसे अल्लाह तआला ने अपने प्रियतम दासों और वास्तविक भक्तों और आज्ञापालन करने वाले दासों , अल्लाह की उपासना करने वाले बन्दों, भलाई की ओर निमन्त्रण करने वाले और बुराई तथा अशुद्ध कार्यों से मना करने वाले, और अल्लाह के अधिकार के साथ लोगों के अधिकार को अदा करने वाले बन्दों के लिए बनाया है।
जन्नत हमैशा रहने वाला वह स्थान है जो कभी समाप्त न होगा, जिस के लिए एक मूमिन हमैशा कोशिश करता है, उसे प्राप्त करने के लिए बहुत पर्यत्न करता है, अपने मानव आवश्यक्ता को कुचल देता है, अभीलाशओं को लगाम लगा देता है, शैतान से दुश्मनी मोल लेता है, जीवन में हजारों परेशानियाँ तथा संकट झेलता है ताकि अल्लाह की बहूमुल्य जन्नत को प्राप्त कर सके, जैसा कि रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः
قال النبي صلى الله عليه وسلم: " من خاف ادلج ومن ادلج بلغ المنزل. ألا إن سلعة الله الغالية , ألا إن سلعة الله الغالية , ألا إن سلعة الله الجنة-"   (سنن الترمذي – صحيح الجامع للألباني)
नबी  सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः जो लक्ष्य तक पहुंचने के प्रति चिनतित रहता है तो वह नियुक्त समय से पहले ही निकल जाता है और जो नियुक्त समय से पहले ही निकल जाता है तो वह अपने लक्ष्य को पा लेता है। सुनो अल्लाह की वस्तु बहुत बहूमुल्य है, सुनो अल्लाह का वस्तु बहुत बहूमुल्य है और अल्लाह का बहुत बहूमुल्य वस्तु जन्नत है। (सुनन तिर्मिज़ीः अल-जामिअ, अल्लामा अल्बानी)
तो जो लोग इस बहूमुल्य वस्तु को पाने के इच्छुक होते हैं। वह बहुत ज़्यादा कोशिश और प्रयास करते हैं। इसे प्राप्त करने के लिए बहुत ज़्यादा बलिदान देते हैं। अल्लाह की बहुत ज़्यादा इबादत करते हैं, अल्लाह को खुश करने की कोशिश में लगे रहते हैं। क्योंकि जन्नत इतनी ज़्यादा बहुमूल्य है कि कोई उस की सुन्दरता, उस में पाई जाने वाली चीज़ो के स्वाद का अनुमान नहीं लगा सकता। जैसा कि रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से हदीस कुद्सी आईं है।
وعن أبي هريرة رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: قال الله تبارك وتعالى : أعددت لعبادي الصالحين : ما لا عين رأت ، ولا أذن سمعت ، ولا خطر على قلب بشر . قال أبو هريرة : اقرؤوا إن شئتم : { فلا تعلم نفس ما أخفي لهم من قرة أعين} (صحيح البخاري- رقم الحديث: 4779 )
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाह अन्हु)  से वर्णन है कि रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया कि अल्लाह अतआला ने फरमायाः मैं ने अपने नेक बन्दों के लिए वह चीज़ तैयार कर रखी है जिसे किसी आंख ने देखा नहीं, किसी कान ने सुना नहीं, और किसी मानव के हृदय पर उसका विचार भी नहीं आ सकता।" अबू हुरैरा (रज़ियल्लाह अन्हु) कहते हैं यदि चाहो तो अल्लाह का यह कथन पढ़ लो, ″ फिर कोई प्राणी नहीं जानता आँखों की जो ठंडक उसके लिए छिपा रखी गई है उसके कर्मों के बदले जो वे दुनिया में करते रहेंगे "  ( सूरः सज्दाः 17 )   (सही बुखारीः हदीस क्रमामकः 4779)
अल्लाह ताआला ने स्वर्ग की सुन्दरता , उस में पाई जाने वेली सुख-शान्ति और उस में पाई जाने वाली अति स्वदिस्ट वस्तुओं के कारण उसे बहुत से नामों से याद किया है। जैसे , सलामती का घर, हमैशा रहने वाला ठेकाना, नेमतों से पुर्ण जन्नत, अमनो सुकून का स्थान, सच्चा बैठक, न खत्म होने वाला घर आदि  (अभी जारी है)

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